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हिन्दीकविता hindikavita sswc परमेश्वर की रचना बोलती है। होने वाला है जो भेद खोलती है। कुछ यूँ बात की मेरे रहनुमा ने। की उस रात तौबा प्यार में मिलने की तड़प और उस राह में तमाम रोड़े... उस अपने से फिर को उस दौर फूल कांटे उस जैसा

Hindi 5 मई की उस सुबह उस उजाड़ में । Poems